Maithili Shayari - मनक अरमान तऽ इहे छल की






मनक अरमान त इहे छल की ,
जीयब मरब अहाँक संग !
इ जिनगी चलैत रहे अहिंक हाथ पकैड़ क,
मुदा, किस्मत के इ मंजूर नै छलैथ 
एलै एहन हवाके झोंका बैह् गेलै सब नोर बैन क !!