Maithili Shayari - केश लगैय कारी भादो के बदरिया ...



















केश लगैय कारी भादो के बदरिया ,
पवन वसंती मारैय झोका !
भोउँ लगैय ईन्द्र के धनुष ,
कि कुदरत भी खाऽ जाएत अहाँ के देखिक धोका !!