उ बीतल मुलाक़ात, अउर
अप्पन दिलकऽ बात लिख रहल छी !
अहिंकऽ यादमें इ गज़ल लिख रहल छी !!
पहिने नै छलौं हम शायर, मुदा
आब शायर बैन रहल छी !
अहिंकऽ यादमें इ गज़ल लिख रहल छी !!
अप्पन दिलकऽ बात लिख रहल छी !
अहिंकऽ यादमें इ गज़ल लिख रहल छी !!
पहिने नै छलौं हम शायर, मुदा
आब शायर बैन रहल छी !
अहिंकऽ यादमें इ गज़ल लिख रहल छी !!
हजारो दर्द छिपल अछि इ दिलमें ,
इ दिलकऽ दर्द किया नै समैझ रहल छी !
अहिंकऽ यादमें इ गज़ल लिख रहल छी !!
अहाँ तऽ चैल गेलौं अकेला छोड़िऽ, और
अहाँ बीनू यहाँ हम तड़ैप रहल छी !
अहिंकऽ यादमें इ गज़ल लिख रहल छी !!
अहाँ भूलि गेलौं हमरा, मुदा
हम अखनो अहाँकऽ इ दिलमें सजौने छी !
अहिंकऽ यादमें इ गज़ल लिख रहल छी !!
लेखक : एस के मैथिल
जनकपुर धाम, धनुषा ( नेपाल )
हाल : मुम्बई
जनकपुर धाम, धनुषा ( नेपाल )
हाल : मुम्बई