|| ई प्रेम अनमोल अछि - २ ||

ई प्रेम हमर सच्चा अछि ,
चाँद तारा सँ पुइछ लिय !
सच्चा प्रेमक कोनो मोल नई ,
ई प्रेम अनमोल अछि !!

अहाँ बसल छी हमर कण - कणमें ,
अहाँक बिना जिय न पायब !
अहिक नाम जवा प रहैत अछि ,
अहाँक हम दिल सँ भुला न पायब !!

अहिक नामक माला हरदम ,
ई दिल जपैत रहैत अछि !
अहाँक नाम सँ भोर होइत अछि ,
अहिक नाम सँ साँझ बितैत अछि !!

अहाँक हर एक अदा प ,
ई दिल दिवाना भ गेल अछि !
अहाँ सँ जुडल हर एक बात प ,
ई दिलमें प्रेम जगबैत अछि !!

अहाँक याद जब अबैत अछि ,
ई दिल बहुत तड़पैत अछि !
हमर प्रेमक कोनो मोल नई ,
ई प्रेम अनमोल अछि !!
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__.✍ एस के मैथिल 
स्थान : जनकपुरधाम-१ सिता चौक,