जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही, भाग ~ ५

करम के डोर सँ बान्धल अछि जिनगीकऽ एक कहानी

जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही

भाग ~ ५ 




( राजा महलकऽ भीतर जाइत अछि आ बेटी सँ पुछैत छथि । )

राजा बेटी सुमैना ! कि भेल किए नै बजैत छी, कोई किछ कहलकऽ  की ?

सुमैना : पहिने अहाँ हमरा पिता जी वचन दिय जे हम कहब से अहाँ करि देब ।

राजा  : बाप बेटी मे कथी के वचन, बेटी हमरा लेल एकटा अहीं सब किछ छी । अगर नै मानव तँ हम वचन दैत छी जे अहाँ कहबै सेह हम करि देब ।

( सुमैना उ लाँल निकाएल के राजा के देखवैत कहैत  छैक । )

सुमैना : पिता जी हमरा ई लाँल के जोडी चाही ।

राजा : ई लाँल आहाँ कतँ से लैलौं ?

सुमैना : ई लाँल अपन गावँ के नवधिया काईल खिन गडकावैत - गडकावैत अवैत रहै कि लाँल गडैक के अपन द्वार पर चलि गेल आ हम उ लाँल उठा के अपन हाथमें लऽ लेलौं । उ नवधिया हमरा लाँल लैत देख के घुमि के अपन घर चैल गेल ।

राजा : लिय अहाँ निश्चिन्त भऽ जाउ अहाँ ई लाँलकऽ जोडी लएबाक लेल हम ओई नवधिया के बोलबैत छी ।

राजा : मंत्री !

मंत्री : जी महाराज !

राजा : जल्दी सँ जाऊ उ गाउँमें जे नवका नवधिया येल छैक हुन्का बोलाबिक लाऊ ।

मंत्री : हेतै  महाराज ! हम जाइत छी अखुन्ते बोलाबिक लबैत छी ।

( मंत्री जाइत छथि  मेनुका के पति नवधिया के बोलेबाक लेल । जब मंत्री नवधिया के घर पहुँचैत अछि तऽ मेनुका के द्वार पर बैसल देखैत छथि । मंत्री लगे जाइत छथि आ मेनुका सँ कहैत छथि । )

मंत्री : अहाँ के छी ? नवधिया केम्हर छैक ?

मेनुका : हम हुन्कर पत्नी छी, कहुँ कि बात छैक हम कैह् देबै हुन्का …

मंत्री : राजा साहब के अडर अछि की नवधिया के जेना नै तेना महल में अएबाक लेल !

मेनुका : किए, हुन्का सँ कोनो गल्ती भेल अछि की ?

मंत्री : से बात हमरा नै अछि पता, मुदा राजा साहेब हमरा तऽ खाली ई कहलक जे अहाँ जाउ आ नवधिया के बोलाबिक लाउ ।

मेनुका : अच्छा, ओ एतै तऽ हम राजा साहब के महलमें हुनका पठाँदेब ।

मंत्री : जल्दी पठाबि देबै नवधिया के …

मेनुका : होतै ।

( किछ देर के बाद मेनुका के पति घर अबैत अछि, तखने मेनुका हुन्का कहैत छथि । )

मेनुका : अहाँ  के राजा साहब के मंत्री बोलेबाक लेल आइल छलाह । जाऊ देख आऊ कि बात छैक ।

नवधिया : अच्छा ठीक छै हम जाँके देखैत छी की किए हमरा राजा साहब अप्पन महलमें बोलौने अछि ।

क्रमश :