हाल जिनगीके कि हम बताऊ राधा ,
मोन होइय जिवते मरि जाऊ राधा॥
लागैय चहुँओर गुजगुज अन्हरिया ,
नेहकऽ दिप लेसने अहाँ आऊ राधा॥
पागल सन अनेरे तकैत छी सगरो ,
बड्ड भेल जुनि आब नुकाऊ राधा॥
सिसैक सिसैक छी हम जीव रहल ,
जीवनकऽ व्यथा कोना सुनाऊ राधा॥
नोर बहाबैत बाट जोहैय विद्यानन्द ,
आबि अपन हिया सँ लगाऊ राधा॥
मोन होइय जिवते मरि जाऊ राधा॥
लागैय चहुँओर गुजगुज अन्हरिया ,
नेहकऽ दिप लेसने अहाँ आऊ राधा॥
पागल सन अनेरे तकैत छी सगरो ,
बड्ड भेल जुनि आब नुकाऊ राधा॥
सिसैक सिसैक छी हम जीव रहल ,
जीवनकऽ व्यथा कोना सुनाऊ राधा॥
नोर बहाबैत बाट जोहैय विद्यानन्द ,
आबि अपन हिया सँ लगाऊ राधा॥
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