चरिपतिया ~ ७


दर्द करैत अछि छाती तऽ
नोर किएक अछि आँखिमें ।
राति कारी पसरि गेल तऽ
भोर किएक अछि आँखिमें ।

महानगरक तुमुलनादमें 
टीस हमर मिझरायल सन ,
चारु भर अन्हार जखन तऽ
इजोर किएक अछि आँखिमें ।
                                    __.✍  किस्लय कृष्णा