गज़ल ~ कोइली सन मधुर स्वर अहाँ के

कोइली सन मधुर स्वर अहाँ के ..!
पातर रसगर ई ठोर अहाँ के ..!!

भअोह धनुहियाँ रूप मधुशाला ..!
वनफुल गमकैए अोर अहाँ के ..!!

भगतीभावय बड्ड पियरगर ..!
अछि गुन पूर्ण पोरे पोर अहाँ के ..!!

सुनर रुप पऽ सोभैए तिल कारी ..!
मोन करै देखि साँझ भोर अहाँ के ..!!

बाइन्हलू प्रितक डोर मे हमरा ..!
झर' नञि देत राज नोर अहाँ के ..!!
सरलवार्णिक बहर
अाखर १३

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