|| हउ दमोदर ||

                               __ राजदेब राज

तूं सत्ते कहै छलह हउ दमोदर
दुख मे संग छोरि देथून सहोदर
साँझे केवार बन्न क' सुत'
बेटो - पुतौह नै करथून मोजर

एक बिता बढाक झुल्फी
चौकप' खेत दुनु संगे कुल्फी
पानि मे जेतह प्रतिष्ठा तोहर
बूढो मे उठबैत रहिह गोबर

सतयुग सँ अाव एलै कलयुग
देखहक अौतै फेर कोनो नवयुग
सख सं रहत' ओ चुरम-चूर
ह'र बरद सँ रहत' दूर

तूं सत्ते कहै छलह हउ दमोदर
दुख मे संग छोरि देथून सहोदर

मुदा ते की
लोकक घाम हेरा जेतै
पुरखा के गाम हेरा जेतैक
जिबैत रहतै हरियरी
हौ कतेक दिन रहतै ई धाही
की नइए हउ दमोदर !
बाज !! बाज ने हउ !! 
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