गज़ल ~ अन्हरिया राति' मे किया इंतजार भेल

अन्हरिया राति' मे किया इंतजार भेल !
बसैलौं अहाँ के छाती मे बहुत प्यार भेल !!

मिथिला मे स्वर्ग छै कहैत छल सब गोटे !
ओत स्वर्ग मे झुमैत हमर बिचार भेल !!

किताब प्रेमक' खोल्लौं हम हाँथ सँ !
पढिक' ज्ञान के शिक्षा अपार भेल !!

छल नै होस किया छल संग मे वहने !
छै था हाथ के चाह पुकार भेल !!

कोना हम सहबै एक छिन्न भुलि के !
अन्हरिया जिनगी याद मे निखार भेल !!
                        __.✍ सुरज कुमार प्रीतम