बसैलौं अहाँ के छाती मे बहुत प्यार भेल !!
मिथिला मे स्वर्ग छै कहैत छल सब गोटे !
ओत स्वर्ग मे झुमैत हमर बिचार भेल !!
ओत स्वर्ग मे झुमैत हमर बिचार भेल !!
किताब प्रेमक' खोल्लौं हम हाँथ सँ !
पढिक' ज्ञान के शिक्षा अपार भेल !!
पढिक' ज्ञान के शिक्षा अपार भेल !!
छल नै होस किया छल संग मे वहने !
छै था हाथ के चाह पुकार भेल !!
छै था हाथ के चाह पुकार भेल !!
कोना हम सहबै एक छिन्न भुलि के !
अन्हरिया जिनगी याद मे निखार भेल !!
__.✍ सुरज कुमार प्रीतम
अन्हरिया जिनगी याद मे निखार भेल !!
__.✍ सुरज कुमार प्रीतम