चलु गौरी फेरो ओहि मिथिला अंगना !
बनल रहियै हम ओतइ उगना !!
कैलाशो हमरा आब निक नै लगैया !
मिथिले में रहबै मिल'क दुनु जना !!
मिथिले में रहबै मिल'क दुनु जना !!
जहिए सँ हम एलौ भाँग नइ खेलौ !
छुटिगेल ओतै तहिए भाँगघोटना !!
छुटिगेल ओतै तहिए भाँगघोटना !!
गबै छै आइयो ओतुका सब गबैया !
सुनबै फेरो सँ बिद्यापति के रचना !!
सुनबै फेरो सँ बिद्यापति के रचना !!
भक्तिमें सजल छैक सावन महिना !
मिथिला में झुलब संग - संग झुलना !!
मिथिला में झुलब संग - संग झुलना !!