__✍ सुरज कुमार " प्रितम "
नै भेल प्राण जान कत' सँ हेतैं !
गुरु बिनाक' ज्ञान कत' सँ हेतैं !!
बहुत सुनौँलक' गीत गज़ल बोलिके !
मनमें छै पिरा ध्यान कत' सँ हेतैं !!
हम तऽ कहलौँ करेजा घेर अगारीं सँ !
छै मैथिल मिथिला जान कत' सँ हेतैं !!
सिख ज्ञान कोई शान्ति बनिके किछौँ !
बोल बुद्धि ओना मान कत' सँ हेतैं !!
छै खींचा या तानी उत्तर दक्षिण में !
नै भेंल तऽ राष्ट्रीय गाण कत' सँ हेतैं !!
नै भेल प्राण जान कत' सँ हेतैं !
गुरु बिनाक' ज्ञान कत' सँ हेतैं !!
बहुत सुनौँलक' गीत गज़ल बोलिके !
मनमें छै पिरा ध्यान कत' सँ हेतैं !!
हम तऽ कहलौँ करेजा घेर अगारीं सँ !
छै मैथिल मिथिला जान कत' सँ हेतैं !!
सिख ज्ञान कोई शान्ति बनिके किछौँ !
बोल बुद्धि ओना मान कत' सँ हेतैं !!
छै खींचा या तानी उत्तर दक्षिण में !
नै भेंल तऽ राष्ट्रीय गाण कत' सँ हेतैं !!