गज़ल ~ दिलक' दर्द जुवान

दिलक' दर्द जुवान पऽ लाउ कोना।
देने अछि घाउ गीत गाउ कोना।।

बड रंग बिरंगी अछि चाल हुनक।
धागा टूटि' गेल आब रंगाउ कोना।।

बिन दिया सगरो रहे इजोत।
बिन बाति दिया जराउ कोना।।

प्रेमक' गंध मे डूबल रहे मन हमर।
फूल सूखि' गेल गमकाउ कोना।।

प्रेम विहिन भेल "सत्या" के जिनगी।
जे रूसल नै ओकरा मनाउ कोना।।
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__✍ सत्या यादव (सरोज)