गज़ल ~ नटखट आ नदान


नटखट आ नदान छी अहाँ ।
मोन सँ बड्ड महान छी अहाँ ।।

सेरवानी मे लगै छीबड्ड सुनर ।
सत्ते मिथिला के सान छी अहाँ ।।

लिखल अछी अहाँ क माथ पु प्रिन्स।
बिन्दु कवि केर सन्तान छी अहाँ ।।

अशिर्वाद अछी मगन मे हंसु नित अहिना ।
माए बाबू केर प्राण छी अहाँ ।।

गम काबू अहिना नित प्रेमक खुशबू ।
मैथिल पुत्र वीर जवान छी अहाँ ।।
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