【 कता ~ ९ 】







मजबुरीमे मजदुरिक' जि रहल छी जिनगी
फाटल अछि  गरिबी  सि रहल छी जिनगी
हम तऽ बस दर्शकेटा छि परिवर्तनकेर अत
घुटै-घुटैक अभाबेटा' पि  रहल  छी जिनगी
                           __.✍ अब्दुर रज्जाक राइन 

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