|| केहेन ज़माना ||

भुखल माई केर आँखि में नोर, 
बेटा खाई तरल परोर।
बापक देह पर नै अंगोछ, 
बेटा के नै तकर संकोच।

पेट काटि के पोसलनि जकरा, 
से माँगै बस हिस्सा, बखरा।
केहेन ज़माना बदैल गेलै य। 

जाहि बेटा लेल छलाह हरान, 
सैह कटाबै नाक आ कान।

तखन कियाक नै बेटी नीक, 
जे माँगि सकैत अछि बाप लेल भीख।

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