Maithili Shayari - चाँद के तोड़ि' देबै







चाँद के तोड़ि' देबै,
सूरज के मोड़ि' देबै !
अहाँ एकबेर हाँ तऽ कहु,
बस, पहिनकी वाली छोड़ि' देबै !!

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