गज़ल ~ अहाँ पऽ गज़ल


शब्द जोरिते-जोरिते कतेको पंक्त बिगारिदेलीयै
अहाँ पऽ गज़ल लिखेला कते कागज फारिदेलीयै

मुदा, निखारि नहि' सकलहुँ अहाँक रुपके महल
नई जानि' कतेको मनमे उठल बात मारिदेलीयै

गज़लक' एक-एक शेर अहिसन सुनर चाहैत छी
काफिया नहि' भेंटलापऽ कतेको भाव जारिदेलियै

निशब्द भऽ जाएछी जखन सुरत झलकैय अहाँक
नई जानि' कतेको बेजाइओ अर्थकें तारिदेलीयै

अहाँ रुपक वर्णनलेल शब्द कम पडिरहल अछि
कहुना'क अहाँ लेल इ गज़ल समहारिदेलीयै
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