छवि : अंजू यादव |
पिया गेल छै विदेश गे
पिया हमर रहितै तऽ सखी सँग खेलती
झाँक नै दैत छै बाहर अटरिया से
सासुजी कऽ सख्त आदेश गे
किनका सँग...............................
मोन नै लागै कोनो रंग नै भाबै
छाती मे उठैय छै लहर गे
जँऽ याद आबै लाल रंग से भिगल सरिर
आओर अबिर से रंगाएल मुह, केस गे
किनका सँग...............................
निम पे झुलुवा, सखी के बात
नोर बहाबि' संगे सोचाएत छलैए दिन राति'
पिया छोडिके आबु ऐहन चाकरी
जाई सँ जरि' गेल हमर मोनक कलेश
किनका सँग...............................
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