|| फेर सँ पूर्णिमाक चान जागल ||

अंग सँ अंग जखने मिलल
तखने एक उमंग चढ़ल
मस्त यौवन ख़िलल बदन
ताहि'पर दिलकें कलम चलल

बेचैन मनकें चैन मिलल
धरती संग अकाश मिलल
प्यासल छलि एक बुन्दकें
भरल समुन्दर हमरा मिलल

बेहोस प्रेमीकें जोस जागल
संगे हमरो भाग जागल
देखिकें उनका लगैय जेना
फेर सँ पूर्णिमाक चान जागल
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