चरिपतिया ~ ९


ज्ञानक गठरी खोलि दही न माई
बुद्धिक ज्योति बारि दही न माई
अज्ञानी के सदैत ज्ञान दैत छिहि तू
एस के के सेहो निखारि दही न माई  
                                  __.✍ एस के मैथिल 

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