तिले तिल आब बढ़त दिन
सभक मोनमें ई बात गढ़त दिन
भोरे भिन्सर उठि नहाँ-सोनांह कऽ
बौआ बुच्ची लाई' लेल लड़त दिन
मिथिला में तिला संक्रांति अबिते
सब कहैत अछि आब चढ़त दिन
जे सब नई नहांएत छल नितदिन
हुनको आजु नई बुझाएत ठढ़त दिन
मिथिलाक संस्कार संस्कृति सँ जुड़ल
बखान आजु सब किओ पढ़त दिन
___________________________________________
__✍ एस के मैथिल
स्थान : जनकपुरधाम-१ सिता चौक,
सभक मोनमें ई बात गढ़त दिन
भोरे भिन्सर उठि नहाँ-सोनांह कऽ
बौआ बुच्ची लाई' लेल लड़त दिन
मिथिला में तिला संक्रांति अबिते
सब कहैत अछि आब चढ़त दिन
जे सब नई नहांएत छल नितदिन
हुनको आजु नई बुझाएत ठढ़त दिन
मिथिलाक संस्कार संस्कृति सँ जुड़ल
बखान आजु सब किओ पढ़त दिन
___________________________________________
__✍ एस के मैथिल
स्थान : जनकपुरधाम-१ सिता चौक,
0 Comments