गज़ल ~ मधेशमे दहेज

दहेजक'  नाम पऽ  देखु  भिख  मांगि'  रहल छैक
संस्कार  छोड़ि'  पैसाकऽ  पाछु  लागि' रहल छैक

घर-घरारी   सब   बिका   गेलै  परिवार  पालऽ मे
बेटि  कोना  बियाहब  सोंचि'  जागि'   रहल  छैक

मोनक'  बात जिनगीक' हालात  किओ  नै बुझैय
देख   गरिबी  सब  हात  छोरा  भागि'  रहल  छैक

घरक  लक्ष्मीयो  देलौं,  जिनगीक एगो अंगो देलौं
देखिक'  बेटिक'   दु:ख  करेजा  दागि'  रहल  छैक

के  बनैलकनि'  ई  बियाहक'  रित  अई  दुनियामे
सोंचि   ओ   करेजामे   सुनगि' आगि  रहल  छैक

जराबिक'   मारि'  देलक   बेटि  के  दहेजक'  लेल
तें   मधेशमे   दहेज  के  सब  त्यागि'  रहल  छैक
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