|| कलाई में राखी ||

अखन छी हम ,
सबसँ दूर !
 गेल छी अखन हम 
बहुत मज़बूर !!

के बान्धतै हमर ,
कलाईमें राखी !
हमरा सँ हमर बहिन ,
आ बहिन से हम ,
छी बहुत दूर !!

मुदा नै टूटे ई ,
दिलक नाता !
चाहे हम रही ,
अपना बहिन सँ 
केतनो दूर !!

समय एतै जखन ,
रहबै साथे सब कियो !
किछ ज़रूरी सँ ,
 किछ मज़बूरी सँ छी ,
हम अप्पन बहिन सँ दूर !!

के बान्धतै हमर सुना - सुना 
कलाई में राखी !
हमरा सँ हमर बहिन ,
आ बहिन सँ ,
हम छी बहुत दूर !!
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