गज़ल - किस्सा सुनाबि हम किनका

किस्सा सुनाबि हम किनका खिस्सा जियान भऽ गेल !
प्रेमक अगाँज कऽ हमरासँऽ ओ दोसरके जान भऽ गेल !!

हुनके प्रेमके रँगमे रँगायल छलौ हम !
फेर उहे बेवफा बनिकऽ हमरासँऽ बिरान भऽ गेल !!

जिनकासँग जीव' के आस छल हमर मीत !
बुझल-गमल सहरमें ओहे अनजान भऽ गेल !!

खूब प्रशंसा भऽ रहल अछि हुनकरे !
हमरा लागल कि हमर प्रिय इन्सान भऽ गेल !!

जकर एक मुस्कान लेल तड़पैय राजदेव !
इ प्रेमकऽ संगीत लिखवाला हाथमें जाम भऽ गेल !!
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