हमरासबहक जान विद्यापति
गम गम गमकै छैक ई भाषा
मैथिलके पहिचान विद्यापति
पसरल सगरो गीत छै हुनकहि
संगीतकऽ सुर-तान विद्यापति
जन जन जहिठाँ राम रामायण
ओतहि बेद पुराण विद्यापति
मिथिला नित चमकैत रहए जग
जन जन के सम्मान विद्यापति
मात्राक्रम : २२२ २२१ २२२
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