गज़ल ~ अनेक किसिमकऽ भाषन दऽकऽ

अनेक किसिमकऽ भाषन दऽकऽ, विश्वास सबके करेलौ अहाँ !
कुर्सी पाछा बेहाल रहैछि, भोट लऽकऽ परेलौ अहाँ !!

अासा छल बड़ हमरा सबके मिथिला मे नव भोर होतै !
सबहक सपना आँखिकऽ सोझा तब किया जरेलौ अहाँ !!

बेर-बेर करैछि धोका बाजि , फेर सँऽ पढैछि तारा बाजि !
कहै छलौ मधेशी छि फेर कतऽ हरेलौ अहाँ !!

खस सासकके संविधान बनाकऽ, मटन फराई खेलौ अहाँ !
मधेशी बजै अधिकार लेल गोली तानि डेरेलौ अहाँ !!

दिलमे कतेक पीडा अछि, पुछुनै अहाँ राजदेव सँ !
अावो तऽ जगियौ नेता जी कत..? फेर घेरेलौ अहाँ !!
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