जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही, भाग ~ ४

करम के डोर सँ बान्धल अछि जिनगीकऽ एक कहानी 

जन्म दैत अछि माँ बाप करम तऽ अपनेही

भाग - ४


( मेनुका अप्पन पति के लऽक बुढ़िया माँ संगमें हुन्का घरमें रहे लगैत अछि। मेनुका के पतिके ओई गावँके लोग नवधिया कहिके बजबे लगैत अछि। २/४ दिन के बाद मेनुका के पति नदीमें सँ जे लाल लौने रहैय ओकरा उ नुका कऽ रख्ने रहै छथि। से लाँल लऽके मेनुका के पति बिहाने बिहान गडकावैय फेर उठावैय फेर गडकावैय उठावैय। जाईत जाईत मेनुका के पति ओई राज के राजा के घर के सामने पहुंचैत छथि आ उ लाल गडैक के राजा के द्वारमें चलि जाईत छथि। राजा के बेटी सुमैना दुवारे पर रहैत छथि। आ उ लाल अप्पन हाथमें धऽ लैत अछि। )

सुमैना : बाप रे बाप कतेक सुन्दर लाल छै ।

( सुमैना लाल लऽके आँगनमें चलि जाईत छथि । एम्हर मेनुका के पति घुरि के वापस घर चलि जाईत छथि । दोसर दिन राजा के बेटी सुमैना नहाँ सोनाँह् के उ वाली एकटा कान मे पहिर कऽ मल्हिनियाँ के बोलबैत छथि । )

सुमैना : गे मल्हिनियाँ ..!

मल्हिनियाँ : जी राजकुमारी जी !

सुमैना : देख्ही तऽ हम तोरा केहन लगैत छियौ देखमें ?

मल्हिनियाँ : बड़ सुन्दर लगैत छी राजकुमारी जी मुदा एकर जोडी दोसरो कानमें रहैत तऽ अहुसँ बेसी सुन्दर लैगतौं अपने राजकुमारी जी।
सुमैना : साच्चे कहैत छे नै ?

मल्हिनियाँ : हँ राजकुमारी जी हम साच्चे कहैत छी ।

सुमैना : तऽ जो जल्दी सँ पिता जी के बोलाबिकऽ ला !

मल्हिनियाँ : हेतै हम जाईत छी, राजा साहब के बोलेबाक लेल।

( मल्हिनियाँ तुरन्त जाइत अछि राजा साहब के बोलेबाक लेल। )

मल्हिनियाँ : राजा साहब ! राजा साहब !!
अहाँ  के राजकुमारी जी तुरन्त बोलाबि रहल छथिन।

राजा : कि बात भेलैय से मल्हिनियाँ ?

मल्हिनियाँ : से बात तऽ राजकुमारी जी  हमरा नै बतौलखिन।

राजा : ले चल हम अबैत छी, देखैत छी जा के कि भेलैन।

( मल्हिनियाँ फेर दौड़ल - दौड़ल राजा आबसँ अगाडिये राजकुमारी लऽ पहुँच जाइत अछि आ  राजकुमारी मल्हिनियाँ सँ पुछैत  अछि। )

सुमैना : मल्हिनियाँ पिता जी आबि रहल छौ।

मल्हिनियाँ : हँ राजकुमारी जी आबि रहल छथि, राजा साहब !
( सुमैना रुसि के चुपचाप घरमें जाऽक सुति रहैत छथि। )

क्रमश :