गज़ल ~ आब तऽ असगर जीब मुस्किल यऽ मिता

आब तऽ असगर जीब मुस्किल यऽ मिता ,
चारूओर देखा रहल झिलमिल यऽ मिता !!

कहादनि तमसा गेल मोनक देवता हमर ,
तबे प्रीतमें हमरा, लागल गहिल यऽ मिता !!

हरक्षण ओकरे यादमें छटपटाईत रहैछी ,
ओ जतए-ततए हमरो तऽ मंजिल यऽ मिता !!

खुशी देखिते मात्तर करेज फाटत सदति ,
दुनियोवाला कते बड्का काबिल यऽ मिता !!

वनि लाचार घुटि-घुटिके जीब रहल छी ,
रधेके समीप 'विद्यानन्द' के दील यऽ मिता !!
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