बेटी के जन्म सँ लोक डेराइत छथि
तें आब तऽ दहेज़ बन्द करहे पड़त ।
ई दहेज़ बड्ड पकठोस भऽ गेल अछि
तें आब तऽ फाँर बानिह् कऽ लड़हे पड़त ।।
आब दहेजो के मुँहतोड़ जवाब भेटतै
के कहैत अछि जे बेटी के जरहे पड़त ??
बड्ड दिन जरलै बेटी-बहिन सब
आब हमरा सबके किछू करहे पड़त ।।
ई दहेज़ बड्ड पकठोस................
बड्ड विकराल रूप पकैड़ रहल अछि
आब अप्पन औकात देखाबहे पड़त ।
जे भेलै ओतबै बड्ड भऽ गेलै यौ
की सब दिन एही कुप्रथा के संग देबहे
पड़त ??
ई दहेज़ बड्ड पकठोस.................
पड़त ??
ई दहेज़ बड्ड पकठोस.................
तऽ सुनु.......
खाली पढला सँ नइ हेत.......
आँहु सब के हमर संग देबहे पड़त ।
जौं सँग नइ देब........
आँहु सब के हमर संग देबहे पड़त ।
जौं सँग नइ देब........
तऽ नीक सँ बुझि लिय......
सबके बेटी-बहिन के दहेजक' आगि में जरहे पड़त।।
__.✍ रोशन मिश्रा
__.✍ रोशन मिश्रा