गज़ल ~ हम कटहरके कमरी

हम कटहरके कमरी आ अहाँ कुवा छी,
जोखबतऽ अहाँ पसेरी हम लाबादुवा छी ।

जीनगी आइ बाचल यऽ हमरेसँ अहाँक,
हम फेकल केथरी अहाँ सियल नुवा छी ।

फाडी मोन हमर आइ आमिल दऽ दुधमे,
हम घोंटल घोर आ अहाँ प्रेमक खुवा छी ।

हमरे सँ पुरल सब अहाँ के मनोरथ,
अहाँ मोनक मालिक आ हम बिलटुवा छी ।

तैयो अहिक खुशी चाहैयऽ अखनो 'रसिया'
अहाँ बनियौ हर आ हम ओकर जुवा छी ।