|| भुलचुक ||

स्कूलसँ कलेजधरि
करैत रही हमसब - धाराबाहिक प्रेम ।
जेना, करैए निरन्तर
फूलसंग भमरा
देहसंग चमरा
आ प्रेमी संग प्रेमिका ।
एहिबीच होइत छलै
बहुतो रास गल्ती,
निराकरण करी अपने सँ
विना कोनो शर्त
विना कोनो लगानीकें
कखनो माफी दैत
कखनो माफी लैत
अहि तरहे जोगौने रही - हमसब अपन प्रेम कें ।
स्कूलसँ कलेजधरि
पढैत रही हमसब -नानाथरी प्रेमकथा ।
रोमियो एण्ड जुलियट
हीर एन्ड रान्झा
मुना एन्ड मदन, आदि आदि......
संयोग -ओही साल हमसब
हलमे जा'क देखलौं - हिन्दी मूवी -'देवदास'
तकराबाद-
ओ रोमियो हम जुलियट
ओ हीर हम रान्झा
ओ पारो हम देवदास ।
खुशीक कोनो ठेकान नै .........
किछु दिन बाद -
जिनगी जुआन भेलै
यादसब पुरान भेलै
हमर प्रेम,ओकर शरीर
ककरो दोसरेके पहिचान भेलै ।
आब हम सब -वास्तविक जिनगीक 
नायक/नायिका नै
बल्की,
ओही कथाकें पात्र जकाँ
ओही सीनेमाक' चरित्र जकाँ
भऽ गेलौं ।
मुदा, अतेक पैघ गलती में सेहो
ने किओ,
ककरो सँग माफी मंगलक आ
नहिए किओ ककरो दोख देलक ।
बस एक/दोसर संग अलग भऽ गेलहुँ सदाक लेल ।
इएह भुलचुक कऽ -गमौने छी हमसब अपन सास्वत प्रेम कें ।
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