कोन आँखि खोललियै भोला, थरथर कापै संसार !
खोलि दियौ दयाकें आँखि भोला, जग होईय अन्हार !!
पानि बिनु जीव तड़पै, असारमे बर्खा रुकलै !
कहि दियौं इन्द्रसँ भोला, सुखि' गेलै पोखरा ईनार !!
कहि दियौं इन्द्रसँ भोला, सुखि' गेलै पोखरा ईनार !!
निर्धन ई किसान यौ भोला, ताकै सबदिन अकाश !
एक नजर ताकि' दियौ भोला, खेतोमें फटलै दरार !!
एक नजर ताकि' दियौ भोला, खेतोमें फटलै दरार !!
कतेक भाँङ्ग खा लेलियै भोला, कहाँ चलि गेलियै !
आबि' जाउ बसहा चढ़ि' भोला, धर्ती माँ भेलै बिमार !!
आबि' जाउ बसहा चढ़ि' भोला, धर्ती माँ भेलै बिमार !!
वस्तु जिव सभ कलाएल, जीव लेल करे संर्घष !
बिनती सुनि' लियौ महादेव, आएल छी दरवार !!
बिनती सुनि' लियौ महादेव, आएल छी दरवार !!
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