इ बन्धन अनमोल अछि !
जे सौसे जगमें सोर अछि !!
भाइ बहिनके प्रीतसे बनल !
इ राखीके डोर अछि !!
इ कतेक सुनर बोल अछि !
जे भाइ बहिनके जोग अछि !!
भाइ बहिनके प्रितसे सजल !
इ राखीकें डोर अछि !!
इ केहन संजोग अछि !
जे भाइ बहिनकें भोग अछि !!
भाइ बहिनके प्रितमें डुबल !
इ राखीकें डोर अछि !!
________________________________________
__.✍ प्रेमी रविन्द्र
रामगोपालपुर, महोत्तरी (नेपाल)