मोहनी रुपक' जादुसँ लोभा गेलय,
जनबो नै केलयै ओ कखन मन चोरा गेलय !
नै मानय छलौं, गप ऐहनो होबैत अछि,
ओ जा'कऽ दुर प्रेमक' ऐहसास करा गेलय !!
जनबो नै केलयै ओ कखन मन चोरा गेलय !
नै मानय छलौं, गप ऐहनो होबैत अछि,
ओ जा'कऽ दुर प्रेमक' ऐहसास करा गेलय !!
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