|| गाम अप्पन त'अ गामे अछि ||

गाम अप्पन त'अ गामे अछि,
सहरक त'अ बस नामे अछि।
गामक पोखैर उमकि नहायब,
मायक हाथक रोटी खायब 
सबटा आब अरमाने अछि।
गाम अप्पन त'अ गामे अछि......

उखरिक और समाठक शोर,
सुनैत पराती होइत छल भोर।
शहरक घर सँ सुंदर त'अ
बाबा के खरिहाने अछि।
गाम अप्पन त'अ गामे अछि....... 

कित-कित गोटरस चोरा नुक्की, 
नेनपण के वो गाड़ीक पुक्की। 
शहरक लॉन सँ निक त'अ
गामक अप्पन दलाने अछि।
गाम अप्पन त'अ गामे अछि...... 

घुर तपै लेल एकठाम बैसब, 
कतय हरायल वो सब वैभव। 
सहरक कांफ्रेंस हौल सँ नीक
गाछक निच्चाक मचाने अछि।
गाम अप्पन त'अ गामे अछि.....

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