गज़ल ~ प्रेममे कटीस


हम छलियै उन्निस,ओ बीस भगेलै
तै दुनु बीचके प्रेममे कटीस भगेलै॥

खिस्सा अपन विना सुनेनै केकरो,
गर्दमगोल ओहिना चहुँदिस भगेलै॥

ल' ओ निदर्दीक नाम खोचारु जुनि,
भाइ! नाक्के पर हमरा रिस भगेलै॥

कि करब आब मुठ्ठी मलै वाहेक,
हाथेके जब विगरल भविस भगेलै॥

फुसो घरमे रहिके देखतियै कहियो,
हम कते ने कंगाल,ओ रईस भगेलै॥
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__.✍ विद्यानन्द वेदर्दी 
राजबिराज, सिरहा (नेपाल)