|| अहाँक याद मे ||

 छवि : स्नेहा झा अहाँक याद मे केना दिन राति',
कटै छी सजना हमीहि' जनै छी !!

अहाँ छोरि' कऽ गेलौं विदेश,
हम कोना रहैं छी यौ !!

सब दिन अहाँक' माई-बाबू,
हर-हर, खट-खट करैय !!

अहाँक' छोटकी तिलबिखनी बहिन,
हमरा हरदम झगड़ा लगबै य यौ !!

यौ पिया आब नै हम गमाबऽ
सकब अहाँक' घरमे यौ !!

पिया विदेश छोरि' चलि' आबू ,
अहाँ अपना गाँव यौ !!

नई आबि' अहाँ तऽ घर छोरि'
हम नैहर जाइव यौं !!

बाद मे अहाँ तऽ बहुत पछताबि' यौ,
कहै छी से बात मानु !!

नई तऽ ओहने छि-छि आईव यौ,
नई तऽ ओहने छि-छि आईव यौ !!
________________________________________