【 कत्ता ~ ११ 】



मोन होइअ ई सूरत निहारैत रही
कारी मेघसन ई केशके सबारैत रही
रही सटल करेजामे सदिखन तोहर
सगरो नेहक ई लुत्ती पजारैत रही
                         __.✍ विन्देश्वर ठाकुर 

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