|| सपना ||


सपना एना
किया सजै छै आँखि पर
जे सुत नै दैत छै
करैत रहै छै हरान
हेरा दै छै नींद आ
कदै छै बेचैन
आ खुजले नैन
काट पड़ै छै
दिन आ राति'
सपनाकऽ पाछु
जे कहियो पूरा नै होइ छै
बैज्ञानिक कहब रहै
सपना उ नै
जे सुतल में देखब
सपना ऊ
जे सुत नै दै मनुख के
मुदा
कहाँ होइ छै
सभकऽ सपना सकार
छन में गाथाल मोती
छिरिया जाए जेना
छिरिया जाए छै सपना
आ रहि जाए छै सपना
बस सपने में सिमित ....
बस सपने में सिमित....
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 __.✍ अशरफ राईन 
 सिनुरजोड़ा, धनुषा (नेपाल)
 हाल : दोहा-क़तार