|| नसीब ||

नई हार नई जीत होएत अछि।
प्रेममें सब अजीब होएत अछि।।
डेग-डेग पऽ खिचल छैक लक्ष्मण रेखा।
मिलऽल आ बिछरल नसीब होएत अछि।।

कियो  दुर तऽ कियो करीब होएत अछि।
प्रेममें तऽ दुनु मजबूर होयत अछि।।
चारु दिस लागल छैक प्रेम पर पहरा।
भेट आ नई भेटकें तकदीर होएत अछि।।

नई हार नई जीत होएत अछि।
प्रेममें सब अजीब होएत अछि।।
डेग-डेग पऽ खिचल छैक लक्ष्मण रेखा।
मिलऽल आ बिछरल नसीब होएत अछि।।
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