सीताके इ पवित्र भूमि, बुद्धकऽ कहाबे पावन धाम ! घर - घर जत तिलकोर तरैये , गाछमे लटकल मिठगर आम !! सुरबीर जै धरतीके बेटा , बुघिमानीके बढका बगान ! लोरिकऽ,…
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