बोलिते - बोलिते आइ एकटा गज़ल भऽ गेलै , अँगना में रोपने रहियै गुलाब से कमल भऽ गेलै ! जहिया सँ चाँन एलै जिनगी में , साँचे कहै छि मिता, हमर जिन्दगी …
Read moreकिनको पैगाम के दिल सँ पढ़ि लिअ , किनको चाहत के एहसास कऽ लिअ ! प्रेमक प्यासल छी हम अहाँ , अप्पन छाती सँ साटि लिअ , नैन सँ नैन मिलाकऽ मिठगर बात…
Read moreआँखि बंद करैत छी तऽ , अहिंक ऽ चेहरा नज़र अबैत अछि ! नजाने किया हर जगह हमरा , अहिंक ऽ तस्बिर नज़र अबैत अछि !!
Read moreजान सँ बैढ़ कऽ हम अहाँके चाहैत छी , अप्पन जीनगी हम अहाँके मानैत छी ! कहियो नै टूटे अप्पन प्रितक ऽ डोर , सैदखन भगवान सँ इहे वर मांगैत छी !!
Read moreमलियाकऽ बाग़ पसंद आएल , भवराक ऽ फूल पसंद आएल ! किनको किछ पसंद आएल, मुदा हमरा अहाँक ऽ अंदाज़ पसंद आएल !!
Read moreहमर एक एहसास छी अहाँ , हमर दिल के प्यास छी अहाँ ! जीनगीमें एहन घुलि मिल गेलौं , आब अहाँक ऽ छोड़ि जाउ कहाँ !!
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