पहिंर कपड़ा कफ़न के जई दिन हम सुतब नै कोनो तकिआ आ नै कोनो बिछौना होत ! बस साथ रहत अहाँक याद आ अहाँक बात आओर स्मशानक एक छोट कोण रहत !!
Read moreआब अहाँ भुला दिय हमरा, हमरा आ अहाँक बिच बड दुरि छै ! अहाँक अप्पन जिनगी नै बनाबि सकब, हमरा जिवनमे बड मजबुरी छै !!
Read moreहरेक शब्द में अर्थ होएत अछि, हरेक अर्थ में तर्क होएत अछि ! सब कहैत अछि हमरा कि..... अहाँ हँसैत बहुत छी ? मुदा हँसेवाला के भी, दिल में …
Read moreदिया जलैत अछि तऽ, सियाही निकलैत अछि ! जँ दिल जलैत अछि तऽ, तबाही निकलैत अछि !!
Read moreजिनका मानैत छलौं हम , अई दिल के अप्पन रानी ! हमर दिलमें खंज्जर चला क ऽ उ , बैनगेल छथि दूसरक ऽ जिन्दगानी !!
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