ज्ञानक गठरी खोलि दही न माई बुद्धिक ज्योति बारि दही न माई अज्ञानी के सदैत ज्ञान दैत छिहि तू एस के के सेहो निखारि दही न माई …
Read moreसरस्वती पूजाक शुभ अवसर पर अपने सभक' लेल मिथिलाञ्चल शायरी ल'क' आएल छी सरस्वती पूजा बिशेष रचना, कविता, गज़ल इत्यादि। – जय माता श्री सरस्वती ।
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