|| हमर सपना टुटलै ना ||

सपनामे देखलहुँ प्रियतम
आबि गेलथि गाम
आहेराम आबि गेलथि गाम
अचके निन्न फुजलै ना
रामा सुन्न रे ओछौना
हमर सपना टुटलै ना !
दिवस शिथिल भेल राति कठुएलै
आहेराम राति कठुएलै
ओ सेहो ने कटलै ना
रामा भोर भेल नेपत्ता
सुरूज कऽतऽ सटलै ना !
कऽतऽ ओ बसथि दूरदेश
केलनि कोन धारण वेश
कऽतऽ ओ बसथि दूरदेश
कोन रूप धरलनि आहेराम
कोन रूप धरलनि
दरसँ  सपना भेलै ना
रामा विरहके रातिटा
आब अपना भेलै ना !
आबि जाऊ हे शिव
राखब हम आब सेवि
आबि जाऊ हे शिव
गेह नेह उजड़लै आहेराम
गेह नेह उजड़लै
सगरो पिपरी फड़लै ना
आशकऽ डगरि अलोपित
ओ तऽ अपने भखड़लै ना !!
           _.✍ शिव कुमार झा टिल्लू