हे प्रभु आजू
शिव रात्री के दिन छैक
अहाँ भाङ्ग पिके
भकुवाएल छि किऐ
भक्त सब जल लेने
आबिगेल अहाँक दुवार
अहाँ कैलाश पर्वत मे जाके
नुकाएल छी किए
भाङ्ग धतुरकऽ
चकर छोरु
जल्दी कलिए बसहा
सवार
धर्ति लोग मे गुंजि' रहल यऽ
अहाँ के जय-जय कार
मिथिलावाशी सेहो
करि' रहल यऽ
प्रभु अहाँक पुकार
किए नइ देखिरहल छी
मिथिला नगरी मे भरहल
अत्याचार
_________________________________________
__.✍ उदगार यादब
तारापट्टी-सिरसिया, धनुषा (नेपाल)
हाल : दोहा, कतार