दिल सँ दिल मिल'लऽ प्रेमक' बैसार भेलै ।
रहि असगर हम कतेक दुलार भेलै ।।
एतेक दिन छलै प्रेम दिलमे नुकाएल ।
आई जन जनके बिचमे देखार भेलै ।।
आँखि' हमहूँ लडेलू आँखि' ओहो लडेलक' ।
माह छलै जेठ रोहणी संग अखार भेलै ।।
हम दुनु दिलक' खेतमे गोराह कऽ लेलौं ।
फेर किछुवे पलमे प्रेमक' गजार भेलै ।।
हमर ओकर प्रेम तपसँ आई आबिकऽ ।
घरके कतेक निक सुन्दर श्रृंगार भेलै ।।
___________________________________
__✍ प्रयास प्रेमी मैथिल
डुमरहा, नेपाल
हाल : मलेसिया
रहि असगर हम कतेक दुलार भेलै ।।
एतेक दिन छलै प्रेम दिलमे नुकाएल ।
आई जन जनके बिचमे देखार भेलै ।।
आँखि' हमहूँ लडेलू आँखि' ओहो लडेलक' ।
माह छलै जेठ रोहणी संग अखार भेलै ।।
हम दुनु दिलक' खेतमे गोराह कऽ लेलौं ।
फेर किछुवे पलमे प्रेमक' गजार भेलै ।।
हमर ओकर प्रेम तपसँ आई आबिकऽ ।
घरके कतेक निक सुन्दर श्रृंगार भेलै ।।
___________________________________
__✍ प्रयास प्रेमी मैथिल
डुमरहा, नेपाल
हाल : मलेसिया