गज़ल ~ दिल सँ दिल

दिल सँ दिल मिल'लऽ प्रेमक' बैसार भेलै ।
रहि असगर हम कतेक दुलार भेलै ।।

एतेक दिन छलै प्रेम दिलमे नुकाएल ।
आई जन जनके बिचमे देखार भेलै ।।

आँखि' हमहूँ लडेलू आँखि' ओहो लडेलक' ।
माह छलै जेठ रोहणी संग अखार भेलै ।।

हम दुनु दिलक' खेतमे गोराह कऽ लेलौं ।
फेर किछुवे पलमे प्रेमक' गजार भेलै ।।

हमर ओकर प्रेम तपसँ आई आबिकऽ ।
घरके कतेक निक सुन्दर श्रृंगार भेलै ।।
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__✍ प्रयास प्रेमी मैथिल 
डुमरहा, नेपाल
हाल : मलेसिया