आँगनक तुलसी कोन कारणे, आई भेलै महकारी
दहेजक हावा ऐहन चललै,बेटी आई भेलै भारी
तुलसी इ तुलसी खेलसँ, तुलसीक बिज तारल जाई
कि तँ कोडियाईते आ लहलहाइते, फेर मारल जाई
बाँचल तुलसी चतैरते काल, फेर कतौ गाडल जाई
तखनो चयन कहाँ तुलसीके, दहेज लेल मारल जाइ
कोनाक बुझीयै बेटे जकाँ, बेटीयो छै घरक दुलारी
दहेजक हावा...........
पहिले आँतरमे दहेजक उनर, भेंटलै बड भारी
उनरे पाछु सुन भेलै इ, बापक भरलहा भखारी
तहुसँ टरलै उनर कहाँ, बिकै धुर-धुरक घरारी
किसान बापक जिनगी भेलै, दहेजे कारण कारी
अतबो पड बेटी बनलै, कहाँ कतौक ओ अधिकारी
दहेजक हावा............
बेटीऐके माथक टिका बुझै छै, बेटीऐके माथक पाग
बेटाके बुढाडीक सहारा बुझै, इ बेटी जिवनक ताग
इ बेटा जखन माली छै तँ, बेटी छै वनक सुनर बाग
चलतै नइ बेटी बिनु जिनगी, बुझितो किय छै दु भाग
बेटीऐ दुर्गा बेटीऐ छै काली, बेटीऐ आइ भेलै लचारी
दहेजक हावा ...........
दहेजक हावा ऐहन चललै,बेटी आई भेलै भारी
तुलसी इ तुलसी खेलसँ, तुलसीक बिज तारल जाई
कि तँ कोडियाईते आ लहलहाइते, फेर मारल जाई
बाँचल तुलसी चतैरते काल, फेर कतौ गाडल जाई
तखनो चयन कहाँ तुलसीके, दहेज लेल मारल जाइ
कोनाक बुझीयै बेटे जकाँ, बेटीयो छै घरक दुलारी
दहेजक हावा...........
पहिले आँतरमे दहेजक उनर, भेंटलै बड भारी
उनरे पाछु सुन भेलै इ, बापक भरलहा भखारी
तहुसँ टरलै उनर कहाँ, बिकै धुर-धुरक घरारी
किसान बापक जिनगी भेलै, दहेजे कारण कारी
अतबो पड बेटी बनलै, कहाँ कतौक ओ अधिकारी
दहेजक हावा............
बेटीऐके माथक टिका बुझै छै, बेटीऐके माथक पाग
बेटाके बुढाडीक सहारा बुझै, इ बेटी जिवनक ताग
इ बेटा जखन माली छै तँ, बेटी छै वनक सुनर बाग
चलतै नइ बेटी बिनु जिनगी, बुझितो किय छै दु भाग
बेटीऐ दुर्गा बेटीऐ छै काली, बेटीऐ आइ भेलै लचारी
दहेजक हावा ...........
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