हम तऽ मजबुर छी ते छि परदेश मे अहाँ रहु अपने देश मे हम तऽ .... अहाँ सँ दुर छी मोनो नऐ लगैए रहि-रहि सुर्ता घरे पऽ भगैए बिश्वास अछि निके सँ हेब आओर कि क…
Read moreघटीत घटना सँ आँखि लाल भऽ गेल जाइनो बुझि कऽ चुप रहै छि तैं काल भऽ गेल जे एहन घटना घटबै छै..तकरा बाप सँ भेट करा दियौ बलत्कारी जखन पकडा जाइए तऽ जिन्दे जरा द…
Read moreशत्रुधन मुखिया मिथिलाञ्चल शायरी के मेम्बर रचनाकार शत्रुधन मुखिया जी के रचना सब स्टेप By स्टेप पढ़ि सकैत छी। आ मिथिलाञ्चल शायरी पर अपने सब मैथिली में रच…
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